Thursday, March 31, 2016

Gujratara Prdesh is a Place not a cast their Many Kshatriya Rajputs Ruled

सभी राजपूत भाई शेयर जरूर करे ।

आज कल गुज्जर लोग अपने आप को श्रेष्ठ साबित कर अपने पेज पर क्षत्रियों को तरह तरह से बदनाम कर रहे है ।।




गुज्जर लोग अपने आप को पहले प्रतिहार/ परिहार साबित करना चाहते थे
इसलिये उन्होने प्रतिहार राजपूतों का इतिहास चुरा कर अपने आप को गुज्जर प्रतिहार साबित कर रहे थे अब मे आप को एक एक हकीकत बताता हूँ ...

प्रतिहार एक क्षत्रिय वंश है जिसका राज भीनमाल ( जालौर ) मण्डौर ( मारवाड )उज्जैन, ग्वालियर, कन्नौज, नागौद मे था इस वंश मे हरिश्नद आदि बहुत बडे बडे राजा हुऐ इस वंश की एक राजधानी भीनमाल थी जो गुजरात से जुडा हुआ है भीनमाल रियासत मे भीनमाल के आस पास व वर्तमान गुजरात आता था इसलिए तत्कालिन इस क्षेत्र को गुजरात्रा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था तथा इस क्षेत्र के शासको को गुजरात्रा प्रतिहार कहा जाता था ।।

अब देखो गुज्जर लोग पहले अपनी उत्पति यही से बताते थे और सोशियल मीडिया पर अपना जुठा इतिहास बना रहे थे ।
लेकीन हकीकत देखो इस क्षेत्र मे पहले प्रतिहारो का शासन था जब गुजरात के भीमदेव सोलंकी ने भीनमाल पर आक्रमण कर भीनमाल को अपने अधीन किया तब यहां के प्रतिहारो कि एक शाखा जसवन्तपुरा की पहाडियों मे बस गई जो वर्तमान मे सुन्धामाता के आस पास निवास कर रहे है । कुछ प्रतिहार भीनमाल के आसपास जालौर और भीनमाल के बीस मे गाॅवो मे बस गये ।

मण्डौर के प्रतिहार /परिहार

मलेच्छों तथा सिन्ध की तरफ से हो रहे बार बार आक्रमण से मारवाड की स्थति खराब होने लग गई मारवाड मे बाहरी लोगे आक्रमण तथा लूट मार से जनता परेशान होने लगी । तब 14 वीं शताब्दी मे मारवाड( मण्डौर ) के शासक इंदा प्रतिहार ने अपनी बहन का विवाह राठौड रणमल से कर आधा मारवाड रणमलजी को दहेज मे दे दिया तथा मारवाड रक्षा का वचन लिया तब से मारवाड मे राठौड बढ ने लग गये 15 वीं शताब्दी के बाद प्रतिहार वंश का शासन धीरे धीरे खत्म होता गया ।

वर्तमान मे मारवाड मे जोधपुर मे बहुत प्रतिहार निवास करते है उसके अलावा पाली जालौर मे भी प्रतिहार रहते है।।

गुज्जर प्रतिहार/परिहार राजपूत वंशजो को गुज्जर मूल का बता रहे हैं और तो एक गुज्जर दुसरे गुज्जर से शादी कैसे करते है राजपूत प्रतिहारो की शादी प्रतिहारो मे नही होती है
शायद इस बात का जबाव नही है इनके पास ...... और बोलेगे हमारे अलग अलग गोत्र है लेकिन भाई गोत्र तो प्रतिहारो मे भी है और हम सभी का गोत्र एक ही है चाहे वह भारत के किसी कोने मे रहे।

गुज्जर लोग बाहर से आहे हुऐ हुणो शको आदि है जो दिल्ली के आप पास बस गये थे और वर्तमान मे भी भरतपुर के आसपास दिल्ली पश्चिमी उत्तरप्रदेश मे रहते है ये लोग प्राचीन काल मे क्षत्रिय राजाओ के आगे कामगार ( दास ) होते थे तथा पशुपालन करते थे।।

वर्तमान मे ये लोग आरक्षण का फायदा उठा कर अपने आप को क्षत्रिय साबित करना चाहते है इसलिऐ कभी प्रतिहारो को अपना वंश कभी चौहानो को तो कभी सिसोदिया को अपना वंश बताते है ये लोग सोशियल मिडिया पर पैसे खर्च कर क्षत्रिय राजपूतों का इतिहास बदल रहे है तथा समय समय पर राजपूतो को बदनाम कर रहे है ये लोग शक हुणो के वंशज है ।

गुज्जरो तुम कुछ भी कर लो तुम गुज्जर हक रहोगे क्षत्रियों की बराबरी नही कर सकते ।

जय माँ चामुण्डा।।
जय क्षात्र धर्म।।
नागौद रियासत।।

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